लोक राजनीति मंच  

Posted by LRM

लोक राजनीति मंच उन सारे प्रयासों का नतीजा है जो पिछले कुछ सालों से जनता के आंदोलन को आगे बढ़ाने केलिए महसूस किये जा रहे हैं। इन सभी प्रयासों का मानना है कि जनता के संघर्षों और आंदोलनों का एकराजनैतिक आयाम पहले भी था और हमारे समय में भी है। ऐसा इसलिए भी है कि मौजूदा समाज व्यवस्था मेंबुनियादी बदलाव लाने की कोई भी कोशिश एक राजनैतिक रूप अख्तियार कर लेती है। जनता द्वारा शुरू किए गएआंदोलनों का अभी तक यही अनुभव रहा है कि न्याय, सामाजिक समानता की माँग और सकारात्मक राजनैतिकऊर्जा के लिए मुख्य धारा के राजनैतिक दलों पर भरोसा नहीं किया जा सकता। सामाजिक परिवर्तन का अगुवाबनने के बजाय अधिकांश राजनीतिक दल जनता से पूरी तरह से कट गए हैं और गैर-जिम्मेदार शक्ति के केन्द्रबनकर रह गए हैं। यहाँ तक कि यह राजनैतिक तंत्र स्वयं में एक समस्या बन गया है। राजनैतिक दलों और नेताओंके सामने आम आदमी खुद को असहाय समझता है। ऐसे में यह असहाय आम आदमी उन हिंसक तरीकों कोअख्तियार कर लेता है जो अंततः आत्मघाती होते हैं।
इन सबके परिणामस्वरूप लोकतांत्रिक संभावनाओं को गहरा धक्का लगा है और वास्तविक लोकतंत्र का दायराबहुत सीमित हो गया है। मुख्य धारा की राजनीति के बाहर राजनैतिक विकल्प प्रस्तुत करने के कई सार्थक प्रयासकिये गए हैं; जैसे कि कई दलों ने राष्ट्रीय दलों का विकल्प पेश करने का दावा किया है। इन प्रयासों की शुरूआत तोबहुत अच्छी होती है, लेकिन वे अपने उद्देश्यों को पाने में असफल रहे हैं। ऐसे प्रयास सीमित, स्थान विशेष से जुड़ेहुए और प्रायः अप्रभावी ही सिद्ध हुए हैं। इनमें से कोई भी प्रयास राष्ट्रीय स्तर पर राजनैतिक असर नहीं छोड़ पाया हैइसलिए एक नई वैकल्पिक जन-राजनीति की आवश्यकता बनी हुई है।
लोक राजनीति मंच के मुख्य उद्देश्य निम्न हैं-
  • वैकल्पिक राजनीति के एक राष्ट्रीय केन्द्र का निर्माण, जो समाज के अलग-अलग हिस्सों के नागरिकों कोअपने से जोड़ सके, खासतौर से उस युवा पीढ़ी को, जिसे राजनीति से लगातार दूर रखने की कोशिश की जारही है।
  • ऐसे मंच का निर्माण जहाँ विभिन्न जन-आंदोलन अपने-अपने संघर्षों के अनुभव बाँट सकें और एकसामान्य राजनैतिक समझदारी के अनुसार अपनी नीतियों और राजनैतिक घोषणा पत्र का निर्माण करसकें।
  • वैकल्पिक राजनीति के लिए प्रयासरत सभी संगठनों को पहचानने और संगठित करने के लिए एकव्यवस्थित प्रणाली का निर्माण।
  • स्वयं को एक ऐसे साधन के रूप में विकसित करने की कोषिष, जो देष में जनांदोलनों के जरिये एक सक्रियराजनीतिक हस्तक्षेप कर सके।

ये उद्देश्य और पुराने अनुभव इस बात का संकेत करते हैं कि लोक राजनीति मंच का गठन एक लचीले संघ के तौरपर किया जाना चाहिए। इसका स्वरूप लगभगसंगठनों के संगठनकी तरह होगा, जिसमें व्यक्तियों के साथसमान उद्देश्य को लेकर चलने वाले छोटे राजनीतिक दल भी शामिल हो सकेंगें। इसकी सफलता इस बात पर निर्भरकरेगी कि यह अपने अलग-अलग संगठनों को काम करने की कितनी आजादी प्रदान कर पायेगा। आगे आने वालेवर्षों में लोक राजनीति मंच निम्न कामों को करने में संलग्न रहेगा-
  • जनता का एक घोषणा-पत्र तैयार करना, उसे प्रकाशित करना और उसके आधार पर एक व्यापक आमसहमति का निर्माण करना, ताकि मुख्यधारा के राजनैतिक दलों पर इसके क्रियान्वयन का दबाव डाला जासके।
  • जनता से जुड़े हुए विभिन्न समूहों, दलों और राजनैतिक आंदोलनों के बीच एक संवाद कायम करना, जिससेअगले लोकसभा चुनावों में सशक्त हस्तक्षेप किया जा सके।
  • सत्ता प्रतिष्ठानों से जुड़े हुए दलों और प्रत्याशियों की सच्चाई उजागर करने के लिए विभिन्न तरीकों कोअपनाना, जैसे- मीडिया के प्रयोग द्वारा, जनहित याचिका और सूचना के अधिकार के प्रयोग द्वारा।
  • देश में ऐसे अधिक से अधिक प्रत्याशियों की तलाश करना जिन्हें वैकल्पिक राजनीति के प्रतीक के रूप मेंलोक राजनीति मंच द्वारा समर्थन दिया जा सके।
  • सत्ता प्रतिष्ठानों के जन विरोधी चरित्र को उजागर करने के लिएस्पेशल इकोनोमिक जोनजैसे मुद्दों परव्यापक और तीव्र संघर्ष।

इन उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए ही लोक राजनीति मंच ने बनारस, इलाहाबाद और दिल्ली जैसे शहरों में कईबैठकों का आयोजन किया है। जयपुर में हुए पिछले सम्मेलन में इसी मंतव्य का एक प्रस्ताव भी पारित कियागया।

This entry was posted on शुक्रवार, 21 अगस्त 2009 at 10:32 am . You can follow any responses to this entry through the comments feed .

1 टिप्पणियाँ

Kunwar Rajeev  

Its a indispensable initiative. It will create a huge impact if we manage to give some time to it.

23 अगस्त 2009 को 6:28 am बजे

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